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दलहन-तिलहन फसलों की बढ़ेगी उपज, सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

来源:नागालैंड इलेक्शन 2023编辑:आई पी एल 2023时间:2023-09-20 18:22:21
खेती के लिए अच्छे बीजों की उपलब्धता से उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि होती है. इससे सीधे तौर पर अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंच रहा है. देश की कई राज्यों में कम बारिश के चलते रबी फसलों विशेषकर दलहन और तिलहन की जल्दी बुवाई की आवश्यकता महसूस हो रही है.कम बारिश के चलते कई राज्यों में किसानों की खरीफ विशेषकर धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. नुकसान के अंतर को कम करने के लिएरबी 2022-23 के लिए,दलहनतिलहनफसलोंकीबढ़ेगीउपजसरकारनेलियायेबड़ाफैसला सरकार दलहन और तिलहन के बीज मिनीकिट उपलब्ध कराने पर जोर दे रही है. उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों के बीच नवीनतम फसल किस्मों को लोकप्रिय बनानाय.कम बारिश वाले क्षेत्रों में बीज मिनिकिट बांट कर किसानों की आय बढ़ाना. महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में रेपसीड और सरसों (आर एंड एम) के गैर-पारंपरिक क्षेत्र को कवर करना.तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे दक्षिणी राज्यों के लिए मूंगफली का पैदावार बढ़ानाउत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान में अलसी जैसे छोटे तिलहन और महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में कुसुम वितरित करना.सरकार ने 2022-23 के दौरान दलहन को बढ़ावा देने के लिए, 11 राज्यों के लिए मसूर और उड़द के 4.54 लाख बीज मिनीकिट और मसूर के 4.04 लाख बीज मिनीकिट आवंटित किए हैं. वहीं तिलहन की फसल को बढ़ावा देने के लिए लगभग 8.3 लाख बीज मिनीकिट वितरित की जा रही है.विभिन्न फसलों पर 39.22 करोड़ रुपए की लागत है। इनमें सरसों (10.93 करोड़ रुपये मूल्य की 575000 मिनीकिट), मूंगफली (16.07 करोड़ रुपये मूल्य की 70500 मिनीकिट), सोयाबीन (11.00 करोड़ रुपये मूल्य की 125000 मिनीकिट), कुसुम (0.65 करोड़ रुपये मूल्य की 32500 मिनीकिट) और अलसी (0.57 करोड़ रुपए मूल्य की 26000 मिनीकिट) शामिल हैं, जो किसानों को मुफ्त दी जाएगीय.सरकार ने रबी 2021-22 के विशेष सरसों मिशन को लागू किया था. इसकी खेती के रकबे में 20 प्रतिशत और उत्पादन में 15 प्रतिशत वृद्धि हुई थी. इस वर्ष (2022-23), विशेष कार्यक्रम के तहत 18 राज्यों के 301 जिलों में रेपसीड और सरसों के 2653183 बीज मिनीकिट के वितरण के लिए 50.41 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं.तिलहन उत्पादन 2014-15 में 27.51 मिलियन टन से बढ़कर 2021-22 में 37.70 मिलियन टन (चौथा अग्रिम अनुमान) हो गया है. दलहन उत्पादन में भी इसी तरह की वृद्धि की प्रवृत्ति दिखाई दी है. पिछले 3 वर्षों में दलहन और तिलहन की उत्पादकता में काफी वृद्धि हुई है.दलहन के मामले में उत्पादकता 727 किग्रा/हेक्टेयर (2018-19) से बढ़ाकर 980 किग्रा/हेक्टेयर (चौथा अग्रिम अनुमान, 2021-22) यानी 34.8 प्रतिशत वृद्धि हुई ह. इसी प्रकार तिलहन फसलों में उत्पादकता 1271 किग्रा/हेक्टेयर (2018-19) से बढ़कर 1292 किग्रा/हेक्टेयर (चौथा अग्रिम अनुमान, 2021-22) हो गई है.

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